हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप): खामोश कातिल
आपने शायद सुना होगा — “हाई बीपी साइलेंट किलर है।”
यह बात बिल्कुल सही है, क्योंकि अधिकतर मामलों में यह बिना लक्षणों के धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है, और अचानक दिल का दौरा, स्ट्रोक या किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
❓ हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप)
क्या है?
जब हमारे दिल से पंप होने वाला खून लगातार ज्यादा दबाव के साथ धमनियों में बहता है, तो इस स्थिति को हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप कहा जाता है।
सामान्य ब्लड प्रेशर: 120/80 mmHg
हाइपरटेंशन की शुरुआत: 140/90 mmHg या उससे अधिक
महिला और पुरुष में हाइपरटेंशन का अनुपात
भारत में पुरुषों में हाइपरटेंशन का प्रतिशत लगभग 24% है, जबकि
महिलाओं में यह लगभग 21% है।
पर 50 की उम्र के बाद महिलाओं में यह तेजी से बढ़ता है, खासकर मेनोपॉज़ के बाद।
शहरी क्षेत्र में इसका प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र से कहीं ज्यादा है।
हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) के प्रकार (Types)
1. प्राथमिक (Primary/Essential Hypertension) – सबसे सामान्य प्रकार उम्र, लाइफस्टाइल और आनुवंशिकता कारण धीरे-धीरे विकसित होता है
2. द्वितीयक (Secondary Hypertension) –किसी दूसरी बीमारी के कारण (जैसे किडनी की बीमारी, हार्मोनल डिसऑर्डर) अचानक और तेज़ बीपी बढ़ना रिवर्सिबल हो सकता है
⚠️ हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) के मुख्य कारण (Causes)
अत्यधिक नमक का सेवन
मोटापा या बढ़ा हुआ वजन
तनाव और नींद की कमी
शराब और तंबाकू का सेवन
आनुवंशिक कारण
शारीरिक निष्क्रियता
किडनी या हार्मोन से जुड़ी समस्याएं
बढ़ती उम्र
हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) लक्षण ( Symptom of hypertension) – अक्सर नहीं होते, पर कभी-कभी ये संकेत मिलते हैं
⚠️ ध्यान रखें: अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं होते!
लेकिन कुछ लोगों में निम्नलिखित संकेत मिल सकते हैं:
- सिरदर्द (विशेषकर सुबह के समय)
- चक्कर आना
- आंखों के सामने धुंध या चमक
- थकान
- नाक से खून आना (कभी-कभी)
- सीने में दबाव
- सांस फूलना
हाइपरटेंशन की जांच (Investigation)
1. Blood Pressure Measurement (Sphygmomanometer से)
2. ECG (दिल की कार्यप्रणाली जांचने के लिए)
3. Echocardiography (दिल की संरचना और फंक्शन देखने हेतु)
4. Blood Tests (किडनी फंक्शन, कोलेस्ट्रॉल, शुगर आदि)
5. Urine Test (प्रोटीन/क्रिएटिनिन जांचने हेतु)
6. 24-hour BP Monitoring (Ambulatory BP Monitoring – विशेष मामलों में)
उपचार (Treatment of hypertension)
- जीवनशैली में बदलाव
- कम नमक वाला आहार (Dash Diet)
- वजन कम करना
- प्रतिदिन व्यायाम (30 मिनट की brisk walk)
- तनाव कम करना (योग, ध्यान)
- शराब और धूम्रपान से परहेज
- नींद पूरी लेना
दवाइयाँ (यदि जरूरी हो)
- ACE Inhibitors (जैसे Ramipril)
- Beta Blockers
- Calcium Channel Blockers
- Diuretics
- ARBs (जैसे Losartan)
दवा हमेशा डॉक्टर की सलाह से लें और नियमित रूप से बीपी चेक कराएं।
बचाव के उपाय (Prevention Tips)
✅ नमक का सेवन सीमित करें (5 ग्राम/दिन से कम)
✅ प्रोसेस्ड फूड और पैकेज्ड स्नैक्स से बचें
✅ हफ्ते में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें
✅ तनाव और गुस्से पर नियंत्रण रखें
✅ रोज़ BP की जांच करवाएं अगर फैमिली हिस्ट्री है
✅ “NO TOBACCO – NO ALCOHOL” अपनाएं
✅ हंसते रहें, ध्यान करें, जीवन को संतुलित रखें
✨ हाई बीपी नियंत्रण का मंत्र
“कम नमक – ज़्यादा चलना – रोज़ हँसना, हाइपरटेंशन से खुद को बचाना!”
निष्कर्ष (Conclusion)
हाइपरटेंशन एक गंभीर लेकिन पूरी तरह से मैनेज करने योग्य बीमारी है। समय पर जांच, जीवनशैली में सुधार और डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का प्रयोग करके इसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली = स्वस्थ दिल = लंबा और खुशहाल जीवन!