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Angina or chest pain (एंजाइना या सीने में दर्द)
Angina or chest pain (एंजाइना या सीने में दर्द) हृदय से जुड़ी एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है, जिसमें छाती में दर्द (chest pain) या असहजता (discomfort) महसूस होती है। यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता। यह समस्या कोरोनरी धमनियों (coronary arteries) में रुकावट या संकुचन (contraction) के कारण होती है। एंजाइना अपने आप में एक बीमारी नहीं है, बल्कि हृदय रोग (Coronary Artery Disease – CAD) का एक लक्षण है।
Angina or chest pain (एंजाइना) आमतौर पर शारीरिक परिश्रम (physically exertion), भावनात्मक तनाव (mentally stress), भारी भोजन (heavy food) या ठंड के संपर्क में आने से ट्रिगर होती है। हालांकि, इसे सही समय पर पहचाना (identify or diagnose) और प्रबंधित किया जाए, तो हृदय रोगों के गंभीर परिणामों, जैसे हार्ट अटैक, से बचा जा सकता है।
एंजाइना के प्रकार (Types of Angina)
Angina or chest pain (एंजाइना) को मुख्य रूप से चार प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
1. स्थिर एंजाइना (Stable Angina)- यह सबसे सामान्य प्रकार का एंजाइना है।यह आमतौर पर शारीरिक गतिविधि (जैसे तेज चलना, सीढ़ियां चढ़ना) या तनाव के दौरान होता है। कुछ मिनटों तक बना रहता है और आराम (rest) करने या medicine लेने से ठीक हो जाता है।
2. अस्थिर एंजाइना (Unstable Angina)- यह अचानक (sudden onset) और बिना किसी पूर्व चेतावनी के हो सकता है। यह आराम करते समय भी हो सकता है और इसका दर्द अधिक तीव्र और लंबे समय तक रहता है। इसे मेडिकल इमरजेंसी माना जाता है क्योंकि यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
3. वेरिएंट (प्रिंज़मेटल) एंजाइना (Variant Angina या Prinzmetal’s Angina)- यह कोरोनरी धमनियों में ऐंठन (spasm) के कारण होता है, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है। यह आमतौर पर रात या सुबह के समय होता है। इसे भी गंभीर माना जाता है लेकिन उचित उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
4. माइक्रोवैस्कुलर एंजाइना (Microvascular Angina)- यह छोटे कोरोनरी धमनियों की खराबी के कारण होता है। इसमें छाती में दर्द लंबे समय तक बना रहता है और आराम करने से राहत नहीं मिलती।
एंजाइना के लक्षण (Symptoms of Angina)
Angina or chest pain (एंजाइना) के मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
1. छाती में दर्द या असहजता (chest pain or discomfort) – यह जलन, भारीपन, कसाव या दबाव के रूप में महसूस हो सकता है।
2. बांह, गर्दन, जबड़े, कंधे या पीठ में दर्द – दर्द छाती से फैलकर शरीर के अन्य हिस्सों में जा सकता है।
3. सांस लेने में कठिनाई (difficulty in breathing) – खासकर शारीरिक गतिविधि (physically activity) के दौरान।
4. अत्यधिक पसीना आना (excessive perspiration) – ठंडा पसीना हार्ट संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है।
5. मिचली और उल्टी (nausea & vomiting) – कभी-कभी पेट खराब होने जैसा महसूस हो सकता है।
6. थकान और चक्कर आना (tiredness & vertigo) – बिना किसी कारण के अत्यधिक थकावट महसूस हो सकती है।
यदि इन लक्षणों में से कोई भी गंभीर रूप से अनुभव हो, विशेषकर आराम के समय, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है और तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
एंजाइना का निदान (Diagnosis of Angina)
यदि डॉक्टर को संदेह हो कि मरीज को Angina or chest pain (एंजाइना) है, तो वे निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं:
1. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ECG या EKG)-यह हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। इससे हृदय की धड़कनों में अनियमितता या ऑक्सीजन की कमी का पता चलता है।
2. स्ट्रेस टेस्ट (Stress Test)– इसमें मरीज को ट्रेडमिल पर दौड़ाया जाता है या दवा दी जाती है, जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस दौरान ECG और अन्य मापदंडों की जाँच की जाती है।
3. कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary Angiography)– इस परीक्षण में हृदय की धमनियों में डाई (contrast dye) डाली जाती है और एक्स-रे द्वारा ब्लॉकेज की स्थिति देखी जाती है। 4. इकोकार्डियोग्राफी (Echocardiography)– यह हृदय की अल्ट्रासाउंड तकनीक है, जिससे हृदय की संरचना और रक्त प्रवाह की जाँच की जाती है।
5. ब्लड टेस्ट (blood test)– ट्रोपोनिन और अन्य एंजाइमों के स्तर की जांच की जाती है, जो हृदय की क्षति का संकेत देते हैं।
एंजाइना का उपचार (Treatment of Angina)
Angina or chest pain (एंजाइना) के इलाज के लिए कई प्रकार की दवाओं, जीवनशैली में बदलाव और कभी-कभी सर्जिकल प्रक्रियाओं की जरूरत होती है।
1. दवाइयाँ (Medications for Angina)
नाइट्रेट्स (Nitrates) – जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं।
एंटिप्लेटलेट ड्रग्स – जो रक्त को थक्का बनने से रोकती है।
बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers) – जो हृदय की धड़कन को धीमा करके ऑक्सीजन की मांग को कम करते हैं।
स्टैटिन्स (Statins) – कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दी जाती हैं।
एसीई इनहिबिटर्स (ACE Inhibitors) और एआरबी (ARBs) – रक्तचाप नियंत्रित करने और हृदय को सुरक्षित रखने के लिए।
2. सर्जिकल प्रक्रियाएँ (Surgical Procedures for Angina)
1. एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग – इसमें संकरी हुई धमनियों को चौड़ा करने के लिए स्टेंट डाला जाता है।
2. कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (CABG) – यदि ब्लॉकेज अधिक है, तो शरीर के किसी अन्य हिस्से से रक्त वाहिका लेकर ब्लॉकेज वाले हिस्से को बाईपास किया जाता है।
एंजाइना की रोकथाम (Prevention of Angina)
Angina or chest pain (एंजाइना) से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी हैं:
1. आहार में सुधार करें (Healthy Diet)- अधिक फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और कम वसा वाला प्रोटीन खाएं। ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट और अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
2. नियमित व्यायाम करें (Regular Exercise)- रोजाना कम से कम 30 मिनट तक मध्यम तीव्रता का व्यायाम करें। डॉक्टर की सलाह अनुसार व्यायाम करें, खासकर यदि हृदय रोग का इतिहास हो।
3. धूम्रपान और शराब छोड़ें (Quit Smoking & Alcohol)- धूम्रपान हृदय रोगों का सबसे बड़ा कारण है। शराब का सीमित या पूरी तरह से परहेज करें।
4. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं (regular health check up)। दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें।
5. तनाव कम करें (Manage Stress)- योग, ध्यान और अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें। पर्याप्त नींद लें और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
निष्कर्ष (Conclusion) –
Angina or chest pain (एंजाइना) हृदय रोग का एक महत्वपूर्ण संकेतक हो सकता है। इसे नजरअंदाज करना गंभीर परिणामों की ओर ले जा सकता है। यदि समय पर निदान और उपचार किया जाए, तो हृदय रोग से बचाव संभव है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, नियमित जांच कराकर और डॉक्टर की सलाह अनुसार उपचार लेकर एंजाइना को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।